मनोज-बबली हत्याकांड में सातों आरोपी दोषी करार
खाप मामले में सजा 29 को सुनायी जायेगी
विजय शर्मा /हप्र
करनाल, 25 मार्च । प्रदेश के बहुचर्चित मनोज-बबली हत्याकांड में आज एडीशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सैशन जज वाणी गोपाल शर्मा की अदालत ने सभी सात
कैथल के गांव करोड़ा के मनोज और बबली, जिनका अपहरण करने के पश्चात हत्या कर दी गई थी। -हप्र
आरोपियों को दोषी करार दे दिया है और आरोपियों को सजा 29 मार्च को सुनाई जाएगी। गौरतलब है कि 15 जून, 2007 को मनोज और बबली का अपहरण करके उनकी हत्या कर दी गई थी।
अदालत ने आज स्कारपियो कार के चालक मनदीप को थोड़ी राहत देते हुए उसे धारा 364 और 120-बी के तहत दोषी ठहराया है जबकि अन्य सभी आरोपियों को धारा 302, 201, 364 और 120-बी के तहत दोषी ठहराया गया है। अन्य 6 आरोपियों में कैथल के गांव करोड़ा के रिश्ते में बबली के दादा गंगा राम, भाई सुरेश और चाचा राजिन्द्र तथा गांव जखोली के ममेरा भाई सतीश व गुरदेव और मामा बारू राम शामिल हैं। मनोज के परिवारजनों की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वकील लाल बहादुर खोहाल और सूरत सिंह ने अदालत के निर्णय को संतोषजनक कहते हुए कहा कि यह न्याय की जीत है और 29 मार्च को आरोपियों की कैपिटल पनिशमैंट के लिए जिरह करेंगे।
माना जा रहा है कि अदालत के इस निर्णय से हरियाणा में गोत्र विवाहों पर स्वयंभू निर्णय दे रही खाप पंचायतों पर अंकुश लग सकेगा। ज्ञात हो कि मनोज और बबली ने 6 अप्रैल, 2007 को गांव करोड़ा से भाग कर 7 अप्रैल, 2007 को चंडीगढ़ में शादी कर ली थी और 15 जून, 2007 को कैथल की अदालत ने ब्यान दर्ज करवाकर जब यह प्रेम जोड़ा करनाल के इलाके थाना बुटाना के अंतर्गत एक बस से जा रहा था उसी दौरान आरोपियों ने उनका अपहरण कर लिया था और बाद में दोनों के शव नारनौंद नहर से बरामद किए गए थे। रिश्ते में मनोज के भाई नरेन्द्र सिंह ने अदालत द्वारा आज सभी आरोपियों को दोषी करार दिए जाने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें फांसी की सजा दी जानी चाहिए।